कर्मचारियों के लिए खुशखबरी या नई चाल? 8वें वेतन आयोग पर आया नया बड़ा अपडेट 8th CPC Big Update

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8th CPC Big Update: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है आज 28 अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट ने इसके नियमों और जिम्मेदारियों पर अंतिम मुहर लगा दी आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई करेंगी जबकि प्रोफेसर पुलक घोष सदस्य के तौर पर और पंकज जैन सदस्य-सचिव के रूप में कार्यभार संभालेंगे फिलहाल पंकज जैन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विभाग के सचिव हैं सरकार ने इस साल 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी जिसके बाद मंत्रालयों और विभिन्न विभागों के बीच कई दौर की चर्चा हुई जिसमें कर्मचारियों की ओर से संयुक्त परामर्श मशीनरी की राय भी ली गई थी अब आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों के भीतर पेश करनी हैं माना जा रहा है कि यह आयोग साल 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत में लागू हो सकता है जिससे करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

कब लागू होगा और कितना समय लगेगा

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार अगर पिछले वेतन आयोगों के अनुभवों पर गौर किया जाए तो किसी भी आयोग को लागू होने में आमतौर पर डेढ़ साल का समय लगता है इस आधार पर यह संभावना मजबूत है कि 8वां वेतन आयोग 2026 के आखिर तक प्रभाव में आ सकता है यह कदम केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा प्रशासनिक फैसला है क्योंकि इससे न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है पिछला यानी 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था जिसकी सिफारिशें नवंबर 2015 में सरकार को दी गईं और इसे जनवरी 2016 से लागू किया गया था ठीक उसी पैटर्न पर यह नया आयोग भी काम करेगा और वेतन भत्ते और पेंशन सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगा।

वेतन में संभावित बढ़ोतरी और फिटमेंट फैक्टर

रिपोर्टों के मुताबिक इस बार कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है अभी यह वेतन 18,000 रुपये प्रति माह है जिसे बढ़ाकर करीब 30,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है यानी कर्मचारियों को लगभग 12,000 रुपये की सीधी बढ़ोतरी का फायदा मिल सकता है इसके अलावा आयोग फिटमेंट फैक्टर को 1.8 तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है यह वही गणना पद्धति है जिसके जरिए पुराने वेतन को नए वेतन में परिवर्तित किया जाता है अगर फिटमेंट फैक्टर 1.8 पर तय होता है तो कर्मचारियों के कुल वेतन में लगभग 13 प्रतिशत की वास्तविक बढ़ोतरी संभव है जिससे लाखों कर्मचारियों की आय में प्रत्यक्ष सुधार होगा और उनके खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी।

सरकारी खजाने पर असर और आगे की दिशा

वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकार पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ना तय माना जा रहा है कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बढ़ोतरी से देश के जीडीपी पर लगभग 0.8 प्रतिशत का अतिरिक्त दबाव आएगा यानी सरकारी खजाने पर करीब 2.4 से 3.2 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ सकता है हालांकि सरकार का उद्देश्य यह भी है कि कर्मचारियों की आय में वृद्धि के साथ उपभोक्ता खर्च बढ़े जिससे बाजार में आर्थिक गतिविधियां तेज हों 8वां वेतन आयोग हर दस साल में होने वाली उस परंपरा को आगे बढ़ाता है जिसका मकसद कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना होता है इस बार भी सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह पारदर्शिता और समयबद्ध प्रक्रिया के तहत आयोग की सिफारिशें लागू करेगी ताकि देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों को लंबे समय से प्रतीक्षित वेतन संशोधन का लाभ मिल सके।