Shiskha Mitra Salary Big News: उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है राज्य सरकार द्वारा गठित समिति ने शिक्षामित्र मानदेय बढ़ोतरी को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें समिति ने स्पष्ट किया है कि मानदेय वृद्धि का निर्णय उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है इसलिए यह मामला अब राज्य सरकार के स्तर पर तय किया जाएगा समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि अब तक पांच बार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाया जा चुका है जिससे स्पष्ट होता है कि इस बार किसी भी नई बढ़ोतरी की अनुशंसा नहीं की गई है रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है और अब अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के पास है।
सात गुना बढ़ चुका है मानदेय, फिर भी निराश शिक्षामित्र
शिक्षामित्रों के लिए लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग उठती रही है लेकिन समिति की रिपोर्ट ने इस उम्मीद पर फिलहाल विराम लगा दिया है समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मानदेय बढ़ोतरी समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती क्योंकि यह पूरी तरह से नीतिगत और बजट से जुड़ा मामला है रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 9 फरवरी को शिक्षामित्र का मानदेय ₹2000 से बढ़ाकर ₹3500 किया गया था जबकि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे ₹10000 प्रति माह कर दिया गया था समिति ने यह भी बताया कि शुरुआत में शिक्षामित्रों को केवल ₹1450 मानदेय दिया जाता था और अब तक सात गुना बढ़ोतरी की जा चुकी है इसके बावजूद शिक्षामित्र मानदेय में फिर से बढ़ोतरी की मांग पर समिति ने कोई सिफारिश नहीं की है।
मंत्री परिषद स्तर से ही होगा अंतिम निर्णय
समिति की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मानदेय बढ़ाने का निर्णय केवल मंत्री परिषद के स्तर से ही लिया जा सकता है क्योंकि इसके लिए बड़े बजट की आवश्यकता होती है और यह फैसला किसी भी अधिकारी या समिति के अधिकार क्षेत्र से बाहर है रिपोर्ट के अनुसार शिक्षामित्रों का मानदेय ₹10000 प्रति माह 20 अगस्त 2017 को मंत्री परिषद के निर्णय के आधार पर बढ़ाया गया था इसलिए आगे की किसी भी बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला भी मंत्री परिषद द्वारा ही लिया जाएगा समिति ने साफ कहा है कि वह इस विषय पर कोई सुझाव नहीं दे सकती क्योंकि यह पूरी तरह से सरकार के आर्थिक और प्रशासनिक अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है।
अब सरकार के पाले में गेंद, क्या होगा शिक्षामित्रों का भविष्य
शिक्षामित्र मानदेय बढ़ोतरी को लेकर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है अब यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट के पास पहुंच गया है रिपोर्ट में यह कहा गया है कि मानदेय बढ़ोतरी का निर्णय राज्य सरकार करेगी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों के मानदेय बढ़ोतरी की बात कही थी और समिति की रिपोर्ट के बाद फैसला लेने की घोषणा भी की थी अब जबकि समिति ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है, शिक्षामित्रों की उम्मीदें फिर से सरकार पर टिक गई हैं राज्य सरकार आगे क्या रुख अपनाती है यह आने वाले दिनों में तय होगा लेकिन इतना निश्चित है कि शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर राज्यभर में चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है।

