DA Hike 2026 Latest Update: देश भर के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए साल की शुरुआत के साथ बड़ी राहत की उम्मीद बन रही है क्योंकि लेबर ब्यूरो ने सितंबर 2025 के एआईसीपीआई आंकड़े जारी कर दिए हैं जिनमें मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है इस बार सूचकांक 147.3 पर पहुंच गया है जो पिछले महीने के मुकाबले 0.2 अंकों की वृद्धि दर्शाता है इसका सीधा असर जनवरी 2026 से मिलने वाले महंगाई भत्ते पर पड़ने वाला है जो फिलहाल 59 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है हालांकि यह आंकड़ा अंतिम नहीं माना जा सकता क्योंकि अभी अक्टूबर नवंबर और दिसंबर के आंकड़े आने बाकी हैं लेकिन मौजूदा संकेत बताते हैं कि आने वाले समय में महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों दोनों को फायदा होगा।
एआईसीपीआई सूचकांक से तय होती है बढ़ोतरी
लेबर ब्यूरो हर महीने एआईसीपीआई यानी ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े जारी करता है जो कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का निर्धारण करने का आधार होता है सितंबर 2025 के आंकड़े 147.3 पर रहे हैं जो अगस्त में 147.1 थे इस मामूली वृद्धि का अर्थ यह है कि देश में महंगाई की गति हल्की बढ़ी है और इसी के अनुरूप महंगाई भत्ता भी ऊपर जाएगा वर्तमान में जुलाई 2025 से 58 प्रतिशत दर लागू है और औसत सूचकांक 416.42 दर्ज किया गया है जिसके अनुसार जनवरी 2026 से महंगाई भत्ता 60 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना बन रही है इसका मतलब यह होगा कि दो प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन प्राप्तकर्ताओं दोनों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा जो सीधे उनकी मासिक आमदनी को प्रभावित करेगा।
जनवरी 2026 का महीना क्यों खास माना जा रहा है
जनवरी 2026 का समय केवल महंगाई भत्ते के लिए ही नहीं बल्कि नई वेतन संरचना के लिए भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है क्योंकि इसी अवधि से आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जा सकती हैं इस बदलाव के साथ यह सवाल भी उठ रहा है कि नया वेतनमान लागू होने के बाद महंगाई भत्ता पुनः शून्य से गिना जाएगा या नहीं यानी जनवरी 2026 का महंगाई भत्ता संभवतः सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत अंतिम संशोधन हो सकता है इसके बाद जब नया वेतन आयोग लागू होगा तो बेसिक वेतन में संशोधन के साथ महंगाई भत्ता रीसेट किया जा सकता है इस कारण जनवरी 2026 को एक ऐतिहासिक महीना माना जा रहा है जब मौजूदा वेतन संरचना के साथ अंतिम बार वृद्धि का लाभ कर्मचारियों को मिलेगा और उसके बाद पूरी प्रणाली नई व्यवस्था में प्रवेश करेगी।
वेतन वृद्धि का संभावित असर
अगर जनवरी 2026 से महंगाई भत्ता 60 प्रतिशत तक पहुंचता है तो यह सीधे तौर पर लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आय बढ़ाने का काम करेगा उदाहरण के लिए जिनका मूल वेतन पचास हजार रुपए है उनका महंगाई भत्ता तीस हजार रुपए तक पहुंचेगा जो वर्तमान दर से करीब एक से डेढ़ हजार रुपए अधिक होगा इसी तरह पेंशन में भी हर महीने लगभग एक हजार रुपए तक की अतिरिक्त राशि जुड़ जाएगी सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एआईसीपीआई इंडेक्स 317 मार्केट्स के खुदरा मूल्य स्तर पर आधारित है और सितंबर 2025 में इसमें 0.2 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है यह भी बताया गया है कि महंगाई दर पिछले वर्ष की तुलना में कम रही है जिससे संकेत मिलता है कि महंगाई नियंत्रण में है फिर भी लगातार बढ़ रहे बेसिक प्राइस लेवल के चलते यह तय माना जा रहा है कि आने वाले समय में महंगाई भत्ते में वृद्धि अपरिहार्य है यही कारण है कि जनवरी 2026 से पहले जारी होने वाले ये आंकड़े सभी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं क्योंकि यही आंकड़े यह तय करेंगे कि आने वाला साल उनकी आय में कितना इजाफा लेकर आएगा।

