Holiday On 3 November: उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है इस दिन देशभर में मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है साथ ही लाखों श्रद्धालु गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं इस पावन अवसर पर सरकारी दफ्तरों स्कूलों और कई निजी संस्थानों में अवकाश रहेगा जिससे लोग अपने परिवारों के साथ धार्मिक कार्यों में भाग ले सकें और त्योहार की परंपराओं का पालन कर सकें।
धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं की आस्था
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा का विधान है ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है वाराणसी हरिद्वार प्रयागराज और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों पर लाखों श्रद्धालु एकत्रित होकर भव्य दीपोत्सव का आयोजन करते हैं घाटों पर हजारों दीपक जलाकर लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा की रात भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था और इसी कारण यह तिथि भगवान विष्णु के भक्तों के लिए भी विशेष मानी जाती है इस दिन मंदिरों में भगवान की आरती के साथ भजन संध्या और कथा आयोजन किए जाते हैं।
श्रद्धालुओं की उमंग और तैयारियां
3 नवंबर को अवकाश घोषित होने से लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है धार्मिक संस्थाएं घाटों की सफाई और प्रकाश सजावट की तैयारियों में जुटी हैं नगर निगम और प्रशासन भी इस दिन के लिए विशेष व्यवस्थाएं कर रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े स्थानीय बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी जोरों पर है लोग दीपक फूल और धार्मिक वस्तुएं खरीदने में व्यस्त हैं वहीं स्कूल और दफ्तर बंद रहने से कई परिवार इस मौके पर तीर्थ स्थलों की यात्रा की योजना बना रहे हैं यात्रा एजेंसियों में भी बुकिंग में तेजी आई है जिससे पर्यटन से जुड़े लोगों को आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
अवकाश से लोगों को मिलेगा विश्राम और आनंद
लंबे समय बाद एक साथ परिवार के साथ समय बिताने का यह अवसर लोगों के लिए राहत लेकर आया है धार्मिक आस्था के साथ साथ यह अवकाश लोगों को मानसिक शांति भी प्रदान करेगा कई लोग इस मौके पर अपने गांव या पैतृक स्थान पर जाकर अपने परिजनों के साथ त्योहार मनाने की योजना बना रहे हैं कार्तिक पूर्णिमा न केवल पूजा अर्चना का दिन है बल्कि यह लोगों को एकजुट करने और भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं को सहेजने का प्रतीक भी है इस दिन का अवकाश लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा जिससे समाज में आपसी सद्भाव और धार्मिक एकता को और मजबूती मिलेगी।

